इस बार प्रयागराज में चल रहे कुंभ (Kumbh2019) में ऑस्ट्रेलिया से आए सर्वांगगिरी बाबा सबका ध्यान खींच रहे हैं. खास बात यह है कि 1998 में भारत आने से पहले सर्वांगगिरी बाबा नास्तिक थे.
आस्था का पर्व कुंभ (Kumbh2019) न सिर्फ देश में रहने वाले लोगों के महत्वपूर्ण है बल्कि इसकी महत्ता इतनी है इसमें हिस्सा लेने के लिए लोग सात समन्दर पार से लोग हर बार भारत आते हैं. इस बार प्रयागराज में चल रहे कुंभ (Kumbh2019) में ऑस्ट्रेलिया से आए सर्वांगगिरी बाबा सबका ध्यान खींच रहे हैं. खास बात यह है कि 1998 में भारत आने से पहले सर्वांगगिरी बाबानास्तिक थे. मेलबर्न में पले-बढ़े ये बाबा पहले बस योग करते थे फिर भारत आकर सनातन धर्म से वाफ़िक़ हुए और अब धर्म-कर्म में रम गए हैं. भारत आने के बाद उन्होंने गुरु गुरु मंगलगिरी से शिक्षा ली. बाबा के अनुसार शुरू में उन्हें हिंदी समझने में दिक्कत आई लेकिन अध्यात्म रास आ गया. यही वजह है कि अब वह दसवीं बार कुंभ (Kumbh2019) स्नान के लिए आए हैं. गौरतलब है कि प्रयागराज में पहले शाही स्नान (Kumbh First Shahi Snan) के साथ ही अर्ध कुंभ मेले (Kumbh2019) की शुरुआत 15 जनवरी को हुई थी. मेले में सबसे पहले साधु-संतों का शाही जुलूस निकाला गया जिसके बाद शाही स्नान की परंपरा शुरू हो गई थी. बता दें कि विभिन्न अखाड़ों को स्नान के लिए अलग-अलग वक्त दिया गया हो.
अर्धकुंभ 2019: दिगंबर अखाड़े के टेंट में लगी आग, कोई हताहत नहीं, राहत बचाव कार्य जारी
इस धार्मिक-आध्यामिक-सांस्कृतिक मेले (Kumbh 2019) में अगले 45 दिनों तक देश-विदेश के 15 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु जुटेंगे. किंवदंतियों के मुताबिक, पहला 'शाही स्नान' (Kumbh 2019) स्वर्ग का दरवाजा खोलता है, जिसकी शुरुआत मंगलवार को सुबह 5.30 बजे हो चुकी है और यह शाम 4.30 बजे तक चलेगा. श्रद्धालुओं के लिए गंगा नदी के किनारे 3,200 एकड़ क्षेत्र में छोटा शहर बसाया गया है. यहां टेंट का किराया 2,100 रुपये से लेकर 20,000 रुपये प्रति रात तक है. इसके अलावा बड़ी संख्या में यहां पहुंचने वाले अखाड़ों और संतों के लिए डोर्मेटरी और टेंट स्टॉल लगाए गए हैं. आधिकारियों ने बताया कि कुंभ (Kumbh 2019) प्रशासन ने भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं.
Kumbh Mela 2019: कुंभ में नहीं बिछड़ेंगे परिवार से, सोशल मीडिया एप 'वीलाइक' करेगा ऐसा
कुंभ मेला के डीआईजी के. पी. सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, "पहली बार कुंभ मेले में तीन महिला यूनिट्स की तैनाती की गई है, जो महिला श्रद्धालुओं को देखते हुए की गई है. साथ ही विदेशी हेल्प डेस्क भी 24 घंटे काम करेगा, क्योंकि विदेशियों की भी मेले में काफी रुचि होती है. विदेश मंत्रालय की एक इकाई के कल पहुंचने की उम्मीद है, जो विदेशी आगंतुकों की मदद करेगी."
Kumbh 2019 Photos: कुंभ मेले के पास मौजूद हैं ये प्रसिद्ध 11 जगहें, जाएं तो घूमें जरूर
उन्होंने बताया कि अर्धसैनिक और पुलिस बलों की तैनाती की गई है, साथ ही संगम की तरफ का यातायात 3,000 पुलिसकर्मी संभालेंगे. अधिकारी ने बताया कि नहाने वाले घाटों पर चेंजिंग रूम और शौचालयों के इंतजाम किए गए हैं. कुंभ प्रशासन ने एक बयान में कहा, "इस बार कुंभ मेला में स्वच्छता पर विशेष जोर दिया गया है. पिछले सालों में शौचालय नहीं होने के कारण लोग खुले में शौच करने पर मजबूर थे, लेकिन इस साल 1,20,000 शौचालयों का निर्माण किया गया है और सफाईकर्मियों की संख्या दोगुनी रहेगी, ताकि स्वच्छता बरकरार रहे. पिछले कुंभ मेला में केवल 34,000 शौचालय थे."हालांकि सैंकड़ों शौचालय काम करने की हालत में ही नहीं है, क्योंकि पानी की कमी है, या गंदा होने के बाद सफाई नहीं की गई है, जबकि आधिकारिक रूप से मेला शुरू भी नहीं हुआ है. कई शौचालयों का पलस्तर निकल गया है, जिससे ये किसी काम के नहीं रह गए हैं.
Kumbh Mela 2019: कुंभ के प्रमुख स्नान में नहीं हो सकेंगे अक्षयवट के दर्शन
मेला प्रशासन के एडीजी एन. सावंत, प्रयागराज के आयुक्त अशीष कुमार गोयल, कुंभ मेला के डीआईजी के. पी. सिंह और प्रयागराज के जिलाधिकारी सुहास एल. को प्रेस वार्ता के दौरान संवाददाताओं ने सैंकड़ों गंदे शौचालयों की तस्वीरें दिखलाई, जिसके बाद दोनों पक्षों में तल्ख बहस भी हुई. के. पी. सिंह ने कहा, "कुछ समस्याएं हैं, क्योंकि एक महीने की अवधि में सारी तैयारियां की गई हैं. समय की कमी के कारण ऐसी चीजें होती हैं, लेकिन हम आगंतुकों की सेवा को लेकर प्रतिबद्ध हैं."इससे पहले सोमवार को कुंभ कांप्लेक्स के सेक्टर 13 में दिगंबर अखाड़ा में एक गैस सिलिंडर फटने से आग लग गई थी. हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ. इस आग की घटना के बाद हुई प्रेस वार्ता में अधिकारियों ने कहा, "हमने कम से कम समय में बिना किसी के हताहत हुए आग बुझाने में सफलता प्राप्त की. अग्निशमन विभाग और एनडीआरएफ के कर्मियों की पर्याप्त संख्या में तैनाती की गई है."कुंभ मेला के दौरान 500 से अधिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. यह मेला 15 जनवरी से चार मार्च तक चलेगा.
प्रयागराज:
No comments:
Post a Comment